ट्रकिंग ने सिंह को दी कला सृजन की आज़ादी

जसवंत सिंह को सिृजने का इतना शौक है कि जब भी उनके पास कोई नया विचार आता है, तो वह सब कुछ छोड़ कर अपना स्केच पेन उठाकर उस विचार को काग़ज़ पर लिख लेते हैं। ट्रक चलाते समय, वह तुरंत ब्रेक लगाने में तो सक्षम नहीं होते हैं, लेकिन वह रास्ते में आने वाले हर विचार को एक मंत्र की तरह रटकर याद कर लेते हैं।

Picture of Jaswant Singh
जसवंत सिंह दूसरों के आनंद लेने के लिए चित्र बनाते हैं।

लंबे अनुभव वाले इस ट्रकर का कहना है, “मैं ट्रक केवल अपने बिलों का भुगतान करने के लिए पैसे के लिए चलाता हूं।” उन्होंने कहा कि इससे उन्हें अपनी कला बनाने की स्वतंत्रता मिली। ट्रकिंग के काम में आप बहुत देर तक अकेले रहते हैं और जसवंत सिंह ने इस काम के साथ आने वाले एकांत को गले लगा लिया है, जो उन्हें आत्मनिरीक्षण करने और कुछ बनाने का समय देता है।

पंजाब, भारत में एक किसान परिवार में जन्मे, जसवंत सिंह ने यूनीवर्सिटी में फाइन आर्ट का अध्ययन किया। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वह कुछ वर्षों के लिए एक फाइन आर्ट शिक्षक बन गए। इसके बाद वे केनीया के नैरोबी चले गए जहां उन्होंने एक विज्ञापन एजेंसी में ग्राफिक डिजाईनर और इलस्ट्रेटर के रूप में काम किया। उन्होंने यूरोप की आर्ट गैलरीयों और संग्रहालयों का दौरा किया और वहां की संस्कृति को समझा।

ग्राफिक डिजाईनर और डिस्पले आर्टिस्ट के रूप में नौकरी पाने के बाद, वह 1998 में अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने डिज्नी वर्ल्ड और यूनिवर्सल स्टूडियो के लिए भी काम किया। उन्होंने कहा कि 9/11 के हमले के बाद अमेरिका में सिखों के लिए स्थिति अच्छी नहीं थी, जिसके चलते वह 2004 में अपने परिवार के साथ कैनेडा चले गए।

यहां उनका जीवन आसान नहीं था, केवल कला से उन्हें जीने के लिए पर्याप्त धन नहीं मिलता था। फिर उन्होंने एक ‘ज़ोख़िम भरा‘ कदम उठाया और 2007 में अपना ए/जेड लाइसेंस प्राप्त कर लिया। उन्होंने एक साल तक टीम के हिस्से के रूप में गाड़ी चलाई और फिर लोन्गहॉल रूट पर अकेले जाने लगे।

उन्होंने स्वीकार किया कि ट्रकिंग के पहले दो साल बहुत कठिन थे। उन्होंने अपने नए करियर के लिए कड़ी मेहनत की और ड्राइविंग को पसंद करने लगे, लेकिन वे अपने अंदर जलती कला की आग को बुझाना नहीं चाहते थे।

गाड़ी चलाते समय धार्मिक ऑडियो पुस्तकें सुनते समय जसवंत सिंह को मिलने वाला एकांत पसंद आने लगा। वह जो कुछ भी सुनते थे, ट्रिप से घर लौटकर अपने विचारों को लिख लेते थे।

कला और ट्रकिंग में संतुलित बिठाने के लिए जसवंत सिंह गर्मियों के महीनों में ड्राईव करते हैं और सर्दियों में ब्रेक लेते हैं। इस समय के दौरान वह पेंटिंग करते हैं, लिखते हैं और कला प्रदर्शनियों में भाग लेते हैं।

जसवंत सिंह का कहना है कि उन्हें एक साधारण जीवन शैली पसंद है और उन्हें बहुत अधिक धन की आवश्यकता नहीं है। मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा, “ट्रकिंग से मुझे इतना पैसा मिल जाता है कि मैं काम न करने वाले महीनों में भी अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकूं।”

इतने साल गाड़ी चलाने के बाद भी जसवंत सिंह के पास खुद का ट्रक नहीं है। “मुझे पता था कि अगर मैंने एक ट्रक खरीद लिया, तो मैं उसका गुलाम बन जाऊंगा।”

उनकी कलम यात्रा के लिए कोविड-19 काफी फायदेमंद साबित हुआ। 2020 में जब महामारी फैली तब जसवंत सिंह और उनका परिवार भारत में था। उन्होंने इस समय का उपयोग एक किताब लिखने के लिए किया। उनके द्वारा द आर्ट ऑफ जसवंत, माई इनर वर्ल्ड, और हाल ही में एक व्यक्तिगत संस्मरण, ए बबल इन द रेन प्रकाशित हो चुके हैं।

भारत से लौटने के बाद, उन्होंने भारतीय टेलीविज़न चैनलों को कैनेडा में स्टूडियो स्थापित करने में मदद की, साथ ही समाचार आउटलेट के साथ एक वीडियोग्राफर के रूप में भी काम किया।

इस साल उन्होंने लोन्गहॉल ट्रकिंग से लोकल ड्राइविंग की ओर रुख किया। डिस्पैचर्स द्वारा आ रही कनेक्टिविटी की लगातार मांग और एकांत स्माप्त होने की वजह से उन्हें यह लोकल ड्राइविंग ज्यादा पसंद नहीं आई।

वर्तमान में ड्राइविंग से छुट्टी पर चल रहे जसवंत सिंह, आर्ट प्राजैक्ट और अपनी नवीनतम पुस्तक पर काम करने में व्यस्त हैं। जसवंत सिंह पहले अपने लिए पेंटिंग करते थे, लेकिन अब उन्होंने दूसरों के आनंद के लिए पेंटिंग करना शुरू कर दिया है। उनके काम को artofjaswant.com पर देखा जा सकता है।

जसवंत सिंह वर्तमान में रहते हैं। “मेरे द्वारा बनाई गई सभी योजनाओं में से 99.9 प्रतिशत विफल रहीं। मैं मन की खुशी के साथ जाता हूं, परिस्थितियां कैसी भी हों, मैं उसका लुत्फ उठाता हूं।”

सेवानिवृत्ति के बारे में सोचते हुए, जसवंत सिंह चाहते हैं कि कलाकारों और लेखकों के अनुभवों की कहानियों को साझा करके वे बुजुर्गों और युवाओं के बीच एक सेतु का काम करें।

 

लियो बारोस द्वारा