कंपनियों ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर फिरौती मांगने का आरोप लगाया
हाल ही में ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र के पील क्षेत्र में वेतन का भुगतान न करने का विरोध कर रहे पूर्व ड्राइवरों द्वारा प्रदर्शन का सामना कर रही ट्रकिंग कंपनी के अधिकारियों, ने कहा है कि पैसे निकलवाने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और धमकी दी जा रही है।

मिसिसॉगा, ओंटारियो में आधारित कार्गो काउंटी के अध्यक्ष टोनी संधू और सी.ई.ओ. पॉवेल संधू ने कहा कि अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाले पूर्व ड्राइवरों को स्वतंत्र ठेकेदारों के रूप में काम पर रखा गया था, जिन्होंने लेबर अदालत में मुकदमा दायर कर दावा किया है कि वे कर्मचारी थे। उन्होंने अन्य बातों के अलावा छुट्टी और ओवरटाइम वेतन की भी मांग की है।
लाभ-निर्पक्ष वर्कर्स एक्शन सेंटर (डब्ल्यू.ए.सी.) की कार्यकारी निदेशक डीना लाड ने कहा कि उनके समूह, जिसमें प्रभावित ड्राइवर और उनके समर्थक शामिल हैं, ने 30 अक्टूबर को कंपनी के बाहर एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि उनसे 30 से 40 व्यक्तियों ने बहुत भड़काने वाला व्यवहार किया और अभद्र एवं लिंगवादी टिपणीयां कीं। उन्होने कहा, “हमारे प्रतिनिधिमंडल में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल थे। उनका व्यवहार देखकर हमें झटका लगा, वे बहुत भड़के हुए थे और मारपीट करना चाह रहे थे।” प्रदर्शनकारियों की आवाज़ें दबाने के लिए उंची आवाज़़ में संगीत भी बजाया जा रहा था।
प्रदर्शन के दौरान मौजूद ओंटारियो बल्क के सी.ई.ओ. इमराज सिद्धू ने कहा कि आरोपों से परेशान होकर कार्गो काउंटी के कर्मचारी और समर्थक बाहर आ गए और प्रदर्शनकारियों से बहस करने लगे।

लाड ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पास एक ट्रक भी चलाया गया, जो उन्हें कुचलने ही वाला था। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में पुलिस अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों से घिरे ट्रक से एक व्यक्ति को बाहर निकालते हुए दिखाया गया है।
सिद्धू ने कहा कि ड्राइवर धीरे-धीरे यार्ड से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने हॉर्न बजाया, लेकिन प्रदर्शनकारी उनकी ओर बढ़ गए।
पील क्षेत्र के पुलिस कांस्टेबल हिम्मत गिल ने कहा कि वह बकाया वेतन के खिलाफ विरोध से अवगत थे।
गिल ने कहा, “वे लोग अपनी समस्या के बारे में जागरूकता फैला रहे थे। उन्होंने मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया और उन्हें बताया कि वे विरोध क्यों कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसी को परेशान नहीं कर रहे हैं और उन्हें बोलने का अधिकार है। उन्होंने कहा, “वे कोई परेशानी नहीं पैदा कर रहे थे।”
वकील एंड्रयू कानिया, जिनकी फर्म कार्गो काउंटी का प्रतिनिधित्व करती है, ने कहा कि स्वतंत्र ठेकेदारों के रूप में अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ पूर्व ड्राइवरों ने लेबर बोर्ड से शिकायत की है और कहा है कि वे कर्मचारी हैं, इसलिए उन्हें कर्मचारियों के समान लाभ दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “इन ड्राइवरों के मामले कैनेडा के लेबर बोर्ड (सी.एल.बी.) में दर्ज किए जा चुके हैं और हमने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी है। इस कंपनी को अभी तक कोई भुगतान आदेश जारी नहीं किया गया है। वे किसी चीज़ का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं।”
कानिया ने कहा कि कंपनी इन मामलों को लड़ रही है क्योंकि अगर उन्हें काम पर रखा जाता है, तो उन्हें बहुत अधिक भुगतान करना होगा।
उन्होंने कहा, “हमारी स्थिति यह है कि प्रदर्शनकारी गलत काम कर रहे हैं। कार्गो काउंटी के पास कानून द्वारा एक सी.एल.बी. प्रक्रिया का पालन करने का अधिकार है, उनकी अपीलें चल रही हैं। वे कानून का पालन कर रहे हैं।”
डब्ल्यू.ए.सी. के लाड ने कहा कि कर्मचारियों को गलत वर्गीकृत किया गया है। “यदि आप कानून को देखते हैं, तो यह बहुत स्पष्ट है कि आप एक वर्कर और एक स्वतंत्र ठेकेदार को कैसे परिभाषित करते हैं।”
उन्होंने कहा कि यह नियोक्ता ही तय करता है कि उन्हें कितना वेतन मिलेगा, वे कब काम करेंगे, कैसे काम करेंगे और वे ही काम करने के उपकरण मुहैया कराते हैं।
लाड ने कहा, “अनुबंध समाप्त हो जाएगा क्योंकि वे स्वतंत्र ठेकेदार नहीं हैं। भले ही मैं कहीं भी हस्ताक्षर कर दूं। यदि आप मुझे एक स्वतंत्र ठेकेदार के रूप में काम पर रखते हैं लेकिन मैं वास्तव में एक कर्मचारी हूं, तो अनुबंध अमान्य हो जाता है।”
कंपनी के मालिक सिद्धू ने कहा कि अधिकांश ड्राइवर स्वतंत्र ठेकेदार बनना चाहते हैं – पहले तो कर लाभ प्राप्त करने के लिए और दूसरा क्योंकि उनकी आय अधिक होने वाली है। उन्होंने कहा, “हम उन्हें कर्मचारी बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”
कानिया ने कहा कि अगर लोगों को समझौता समझ में नहीं आता है, तो उन्हें इस पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए, उन्हें वकील के पास जाना चाहिए।
उन्होंने कहा,”अगर समझौते में कहा गया है कि वे अपनी गलती की दुर्घटनाओं के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हैं, तो उन्होंने कर्मचारियों से अधिक पैसे लेने के हिस्से के रूप में जोखिम उठाया है। पैसे कमाने के लिए लोगों को ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं। कई ड्राइवर स्वतंत्र ठेकेदार बनना चाहते हैं। इसलिए उन्हें मजबूर नहीं किया जाता।”
ड्राइवर अमरीश दत्ता, जो नवीनतम विरोध प्रदर्शनों में शामिल नहीं हैं, ने कहा कि महामारी के समय उनका वेतन ओंटारियो स्थित एक कंपनी द्वारा रोक दिया गया था। ब्रैम्पटन में रहने वाले दो बच्चों के इस पिता ने कहा कि इस मुद्दे को तीसरे पक्ष की मध्यस्थता और उनके समुदाय के तीव्र दबाव के माध्यम से सुलझाया गया था।
दत्ता ने कहा, “हर ड्राइवर और आनर-आपरेटर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने रोजगार समझौते की अच्छी तरह जांच कर ले।” दत्ता अब किसी अन्य फ्लीट के लिए काम कर रहे हैं और अब अपने साथ हो रहे व्यवहार और भुगतान से खुश हैं। उन्होंने कहा कि यह किसी ट्रिप पर जाने से पहले वाहन की जांच करने की तरह ही किसी भी फ्लीट में लगने से पहले यह जांच भी कर लेना आवश्यक है।
कानिया ने कहा कि यह प्रदर्शन गलत और मानहानिकारक हैं क्योंकि प्रदर्शनकारी लोगों को बता रहे है कि यह चोर हैं। उन्होंने कहा, “वे कॉरपोरेट से पर्दा उठा रहे हैं और कंपनी के मालिकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने इनके घरों के बाहर भी प्रदर्शन किया है।”
लाड ने कहा कि उन्होंने समूह ने कंपनी के मालिक के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया था।
कानिया चाहता है कि प्रदर्शनकारी कानून व्यवस्था को अपनाएं। उन्होंने कहा, “हम सी.एल.बी. के फैसले का पालन करेंगे।”
कानूनी प्रक्रिया चल रही है तो विरोध क्यों?
लाड ने कहा कि काउंटी कार्गो कानूनी प्रक्रिया में सहयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी श्रमिकों को ऐसी स्थिति की ओर धकेल रही है जहां किसी भी दुर्घटना की स्थिति में उन्हें कटौतीयों का सामना करना पड़ेगा।
लाड ने कहा, “वे हमें शिकायत करने के लिए कहते रहते हैं। अब मैं हर वर्कर के लिए एक के बाद एक शिकायत दर्ज करता रहूं? कंपनी इस तरह से नहीं चलनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि ट्रकिंग उद्योग में वेतन न देने की महामारी है। “हम सिर्फ कार्गो काउंटी से पीछे नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि डब्ल्यू.ए.सी. ने कई ट्रकिंग कंपनियों का दौरा किया जिनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। इनमें कार्गो काउंटी भी शामिल है। उनसे पूछताछ की गई और निर्धारित समय के भीतर भुगतान करने को कहा गया। उन्होंने कहा, “उनमें से कुछ भुगतान करते हैं, कुछ नहीं करते हैं।”
पूर्व कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच बहस के बीच, पंजाबी ट्रकिंग समुदाय के सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरमा गया है। पोस्ट और टिप्पणियों से तनाव और गुस्सा बढ़ता है, जो असंतोष को और बढ़ाता है।
लियो बैरोस द्वारा